इस चूतिया ❤️ डे के पत्रकार के पास मिश्रा जी की एक भी बात का जवाब नही था, बकवास पेल रहा है जबरन, बिल्कुल सही बोला उन्होंने की जब मनुस्मृति आज के समय में लागू नही है तो फिर उस को संविधान के साथ जोड़कर तुलना क्यों कर रहे हो, और जो ये दस फायदा गिनाने को बोल रहा है जैसे इसने खुद ने पूरी मनुस्मृति कंठस्थ कर रखी है। इस चूतिया समाजवादी पत्रकार को एक श्लोक एक श्रुति तक नही पता है, और जिन भी लोगों से ये चर्चा करता है क्या उन्होंने कभी अध्ययन किया मनुस्मृति का? लेकिन इस भड़वे को कंटेंट चाहिए, चाहे उसके लिए समाज में जहर क्यों न घोलना पड़े। जिस हिसाब की इनकी पत्रकारिता है बहुत जल्द ही इनकी सेवा होगी।
इस चूतिया ❤️ डे के पत्रकार के पास मिश्रा जी की एक भी बात का जवाब नही था, बकवास पेल रहा है जबरन, बिल्कुल सही बोला उन्होंने की जब मनुस्मृति आज के समय में लागू नही है तो फिर उस को संविधान के साथ जोड़कर तुलना क्यों कर रहे हो, और जो ये दस फायदा गिनाने को बोल रहा है जैसे इसने खुद ने पूरी मनुस्मृति कंठस्थ कर रखी है। इस चूतिया समाजवादी पत्रकार को एक श्लोक एक श्रुति तक नही पता है, और जिन भी लोगों से ये चर्चा करता है क्या उन्होंने कभी अध्ययन किया मनुस्मृति का? लेकिन इस भड़वे को कंटेंट चाहिए, चाहे उसके लिए समाज में जहर क्यों न घोलना पड़े। जिस हिसाब की इनकी पत्रकारिता है बहुत जल्द ही इनकी सेवा होगी।