चरितं रघुनाथस्य शतकोटिप्रविस्तरम् । एकैकमक्षरं पुंसां महापातकनाशनम् ॥१॥ अर्थ:- श्री रघुनाथजी का चरित्र सौ करोड़ विस्तार वाला हैं। उसका एक-एक अक्षर महापातकों को नष्ट करने वाला (करता) है। 🚩राम श्री राम जय जय श्री राम 🚩 🔴जय श्री राम🔴 🙏सभी मित्रों को सुबह के राम राम जी🙏
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@Nirajgupta82 @damini2003 जय श्री राम जय हनुमान सुप्रभात
@Nirajgupta82 @iRamBhakt108 ॐ भास्कराय नमः💢 ‼️🎊प्रभात वंदन‼️🌷🌾
@Nirajgupta82 @ADVRAMESH1 राधे राधे 🙏