#सतलोक_VS_पृथ्वीलोक ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18 के अनुसार पूर्ण परमात्मा कविर्देव का निजधाम तीसरा मुक्ति धाम "सतलोक" में है। जहाँ जाने के बाद मनुष्य का जन्म मरण नहीं होता है। जबकि पृथ्वी लोक / काल लोक पर जन्म - मरण का चक्र चलता ही रहता है। Eternal place Satlok
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