परम पराक्रमी,अद्भुत साहस व शौर्य के प्रतिक कुशल प्रशासक और धर्म के प्रति समर्पित,हिंदू स्वराज्य के संस्थापक प्राचीन हिंदू राजनीतिक प्रथाओं तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित करने वाले फारसी के स्थान पर संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाने वाले छत्रपति शिवाजी की जयंती पर उन्हे नमन..!
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