वो दो दिन तक पलस्तर बांधकर कराह रहीं थीं और आज दिन भर ह्वीलचेयर पर बैढकर घुम रही थी पर जैसे ही खड़गपुर में अमित शाह की गर्जना सुनीं, उढ़कर चल पड़ी। खेला होबे है पर गजबे है।
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