काफी वक्त जाया हो गया, सच कि राह देखते देखते... फिर आखिर मे पता चल हि गया, जहा बैठे थे इंतजार मे उसके, वहा पर सच कि कब्र बरसो से छिपी हुई है... - प्रमोद बनसोडे
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